Sunday, October 09, 2016

कतरनें

वह: क्या ढूंढ रहे हो तुम?




यह : (कुछ कहता नहीं, घर भर में खोज जारी रखता है)




वह: ओफ्फो! कहाँ कहाँ फ़ोलते फिर रहे हो? कह रही हूँ न! मुझे सब पता है की इस घर में क्या छोटी सी चीज़ कहाँ रखी है! बता क्यों नहीं देते? मैं बता दूँगी कहाँ रखा है! क्या ढूंढ रहे हो?




यह: (उसकी ओर मुड़ते हुए): तुम्हे।
 तुम आजकल मिलती नहीं हो. रहती यहीं  हो,दिखती भी हो, पर होती नहीं हो।  तुम्हे पाने के लिए, कहाँ खोजूं?




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